ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 जाप


रुद्राक्ष की माला से ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप 108 बार करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। शिवपूजा का सर्वमान्य पंचाक्षर मंत्र 'ॐ नमः शिवाय',जो प्रारंभ में ॐ के संयोग से षडाक्षर हो जाता है, भगवान शिव को शीघ्र ही प्रसन्न कर देता है।

ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप कैसे और कब करें? मंत्र जाप से पहले स्नान कर लेना चाहिए. ये सुबह के समय किया जाना चाहिए, हालांकि, कोई भी दिन में किसी भी समय मंत्र का जाप कर सकता है।
 

ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार प्रत्येक दिन करना चाहिए। जप हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए। यदि आप किसी पवित्र नदी के किनारे शिव लिंग की स्थापना और पूजन के बाद जप करेंगे उसका फल सबसे उत्तम होगा। इसके अलावा आप किसी पर्वत या शांत वन में भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
 

इस मंत्र के आदि में ॐ लगाकर ही सदा इसके जप करना चाहिए। भगवान शिव का निरंतर चिंतन करते हुए इस मंत्र का जाप करें। सदा सब पर अनुग्रह करने वाले भगवान शिव का बारम्बार स्मरण करते हुए पूर्वाभिमुख होकर पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें। भक्त की पूजा से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
 

मान्यता है कि इस मंत्र का उच्चारण करने से हर तरह की बाधाएं दूर होती हैं. - इस मंत्र जप से काम, क्रोध, घृणा, मोह, लोभ, भय, विषाद आदि सब खत्म हो जाता है. - ॐ नमः शिवाय का मंत्र जप से व्यक्ति में साहस और उत्साह पैदा होता है। इतना ही नहीं, निरंतर जप से मृत्यु के भय को भी जीता जा सकता है।
 

मंत्र का जाप या तो मन में चुपचाप या जोर से करना चाहिए. मंत्र का जाप जितनी बार चाहें उतनी बार कर सकते हैं, सर्वोत्तम परिणामों के लिए इसका कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए। ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप अपने कार्यालय में या घर पर कहीं भी जाप कर सकते हैं। ये सुनिश्चित करें कि आप इसका जाप करते समय एक सीधी स्थिति में बैठें हों।

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