भारत में
प्रधानमंत्री की सुरक्षा एक अभेद किले की तरह है जिसे भेदना किसी के लिए भी आसान
नहीं है. वहीं अगर बात पीएम मोदी की हो तो सुरक्षा और ज्यादा चाक चौबंद हो जाती
है. उनकी सुरक्षा कैसी है? कौन लोग उनके आस-पास रहते हैं?
उनकी सुरक्षा में कैसा काफिला सजता है?
आइए जानने की कोशिश करते हैं.
पूर्व पीएम से
ज्यादा है सिक्यॉरिटी
भारत के पूर्व
पीएम मनमोहन सिंह से कहीं ज्यादा सिक्यॉरिटी पीएम मोदी की है. उनका काफिला जहां से
गुजरता हैं वहां एसपीजी के जवान तैनात रहते हैं. उनकी सुरक्षा में विभिन्न घेरों
के तहत एक हजार से ज्यादा कमांडो तैनात रहते हैं.
बुलेटप्रुफ
बीएमडब्ल्यू 7 कार से चलते हैं पीएम
कई बार हमला
केवल आसमानी नहीं होता इसलिए पीएम मोदी के लिए बीएमडब्ल्यू 7 की कार इस्तेमाल की जाती है. जो बुलेट प्रूफ है इसपर बम का
भी कोई असर नहीं होता है. अक्सर आपने पीएम के काफिले के साथ कई गाड़ियां देखी
होंगी,
दरअसल यह इसलिए होती है ताकि, हमलावार पीएम के काफिलो को भेद ना पाएंं. जब पीएम पैदल चलते
हैंं तो उनके आगे-पीछे सादे कपड़ों में एनएसजी के कमांडो चलते हैं.
कैसे चलता है
काफिला
पीएम के
काफिले में सबसे पहले दिल्ली पुलिस सिक्योरिटी स्टाफ की गाड़ी सायरन बजाती हुई आती
है. उसके बाद एसपीजी की गाड़ी आती है और फिर दो गाड़ियां और आती हैं,
इसके बाद लेफ्ट और राइट साइड से दो गाड़ियां आती हैं और बीच
में रहती है पीएम मोदी की गाड़ी. मोदी के काफिले में चलने वाली कारों की एसपीजी
अच्छी तरह जांच करती है. पीएम मोदी के काफिले में एक एंबुलेंस भी चलता है और
दिल्ली पुलिस की जिप्सियां हमेशा आगे और पीछे चलती हैं.
कारों पर लगे
होते हैं जैमर
अगर आपने
ध्यान दिया हो तो जब भी किसी पीएम या राष्ट्रपति का काफिला आपके बगल से गुजरेगा
आपका सेल फोन काम करना बंद कर देता होगा. ऐसा इसलिए क्य़ोंकि उनके काफिले में एक
जैमर से लैस गाड़ी रहती है, जिसमें दो एंटिना फिट रहते हैं. ये सड़क के दोनों तरफ 100 मीटर की दूरी तक रखे विस्फोटक को निष्क्रिय कर सकते हैं.
एसपीजी कमांडो
की रहती है कड़ी नजर
एसपीजी के
कमांडो के खास खास तरह की राइफल रहती है, जिससे एक मिनट में 800 फायर हो सकता है. पीएम के करीब रहने वाले गार्ड काले चश्मे
पहनते हैं ऐसा इसलिए कि, अगर कोई पीएम पर निशाना साधने की कोशीश करे तो उसे जवान देख
लें. प्रधानमंत्री के सात रेसकोर्स रोड स्थित आवास में एसपीजी के 500 से ज्यादा कमांडो तैनात रहते हैं.
नो फ्लाइंग
जोन
पीएम मोदी की
विदेश यात्रा की जिम्मेदारी एयरफोर्स की होती है. पीएम के विमान के उड़ान भरने से
पहले पूरे इलाके को नो फ्लाइंग जोन में बदल दिया जाता है. पीएम के एयरपोर्ट
पहुंचने से पहले दो विमान तैयार रहते हैं. अगर एक विमान खराब हो जाए तो दूसरे
विमान का इस्तेमाल किया जाता है.
2 Comments
बहुत अच्छी जानकारी
ReplyDeleteशुक्ला जी को जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!
आदरणीया आपको बहुत-बहुत धन्यवाद्
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