श्रीमद्द देवी भगवत में रेवती नक्षत्र के पतन व नक्षत्र की पुन: स्थापना की कथा

आज हम आपको देवी भगवत की एक कथा सुनाते हैं, जिसमें  देवी भगवत में बहुत सी कहानियाँ हैं। रोचक भी, शिक्षाप्रद भी, ज्ञानपरक भी। ऐसी ही एक कहानी है रेवती नक्षत्र के पतन की है। देवी भगवत के महात्मय्- प्रसंग में मुनि के शाप से रेवती नक्षत्र के पतन, पर्वत से रेवती नाम की कन्या के प्रादुर्भाव, ऋषि प्रमुच के द्वारा उसके पालन तथा राजा दुर्दम के साथ उसके विवाह की एवं रेवती नक्षत्र की पून: स्थापना की कथा, यहाँ सुने।

 


पुत्र के दुष्ट चरित्र होने में ना तुम कारण हो और ना माता, तथा कुल ही रेवती का अंतिम चरण गंडास होता है। यही कारण है, क्योंकि मुने! वहीं निंन्दित बेला तुम्हारे इस पुत्र के जन्म समय बीत रही थी।

अतः यू तुम्हें दु:खी करना इसका स्वभाव बन गया दूसरा कोई भी कारण नहीं है ब्राह्मण्!

तुम इस दुख को दूर करने के लिए जगत जननी "भगवती दुर्गा" की आराधना करो यत्न पूर्वक सुखजीत होने पर वे संपूर्ण शांत कर देती हैं। 

आप सभी भक्तगणों के लिए हिन्दी माध्यम में श्रीमद्द देवी भगवत यू ट्यूब पर ( प्रतिबिम्ब प्रकाश ) चैनल पर प्रसारित किया जा रहा है। अतः चैनल को सब्स्क्राइब करके आप सब इसे सुनकर इसका लाभ उठाये। यह फुल HD है अत इसे अपने स्मार्ट टीवी मे भी कनेक्ट कर देख सकते है। अतः आप सब भक्तगण इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें जिससे सच्चे देवी भक्तों को लाभ मिल सके और अपने जीवन का कल्याण कर सकें ।

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