Selfie with my brother |
अपनी तस्वीरें खिचवाना
किसे पसंद नहीं,
आज के दौर में हर इंसान में सेल्फी का क्रेज देखा जा सकता है. बैठने का अंदाज, ड्रेस कोड, एक्सप्रेशन, ड्राइविंग विद मिरर सेल्फी, फ्लाइट के अन्दर, हमारे दैनिक जीवन में
एक दिनचर्या सी बन गया है। यहाँ मैं सेल्फी के बारे में कोई आईडिया या रास्ता खोजने
के बारे में बात नहीं कर रहा हूँ, लोग एक दम सही रास्ते पर चल रहे है, बदलाव हमेशा होता है इस
बार परिवर्तन स्वयं को ही देखते हुए लोगों में एक सूत्र में जुड़ने की एक नई विचारधारा
के प्रति जागरूक होने का संदेश देता है. सचमुच किसी के भोजन करने की सेल्फी. तो किसी
की सुंदर मुस्कान......अरे अपने कुत्ते के प्रति जी......, सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा सहनुभूति बटोरने
के लिए असरदार सेल्फी - माँ-बाप की सेवा करते हुए खीची गई सेल्फी.
अब तो सेल्फी के शौखीन
लोग डेंजर जोन में भी कदम रखने लगे है - मौत आ जाये पर सेल्फी खिच जाये, ऐसा ही एक घटना मप्र के
बालाघाट में सुनने को मिली, नहर के पुल पर सेल्फी खीचने के चक्कर में
पैर फिसला और नहर में जा गिरा उसे बाचने के चक्कर में पिता और भाई भी कूद गए किसी को
तैरना नहीं अत था,
अंततः
भाई को किसी ने बचा लिया पर पिता पुत्र की जल समाधी हो गई.
सेल्फी के दीवाने अपने
दोस्त को दिखाने के लिए अपने नए जूते की तस्वीरें चिपका मरते हैं, और तो और स्मार्ट लड़कियां
शोरूम में जा कर महगा से महगा सूट पसंद करके बूथ में जाकर पहनती है और उस सूट पर अपनी
एक सेल्फी क्लिक कर लेती है फिर वहीँ पर ही सोशल मिडिया उसे पोस्ट कर देती है. बस उसके
बाद सूट वापस -"सोरी पसंद नहीं आया"
शोरूम से बहार कर देखी तो 15 लाइक मिल चुके होते है. सेल्फी के दीवानों
में नेता-राजनेता भी पीछे नहीं है , अपने देश की जनता का ध्यान अपनी तरफ खीचने में
सेल्फी उनके लिए काफी सहायक सिद्ध हो रही है .
दुनिया की सबसे ताकतवर सेल्फी |
वैसे एक तरीके से अगर
देखा जाये तो वास्तव में हम सभी इस प्रौद्योगिकी के आदी हो रहे हैं. हम एक भी दिन बिना
फोन के नहीं रह सकते हैं. ऑफिस, लंच, शोपिंग, टूर, डिनर पर भी...लोगों को
ये फील होता है.. लगता है यहाँ एक शॉट लग रहा है, या हो सकता है बस फिर
क्या ...लगा दिया चटका, अब इसे साझा करना चाहिए. यहाँ तक कि बिस्तर
पर सोने के समय भी तकिये के नीचे मोबाईल रख कर सोने के अदि हो गए है. मैं कुछ घंटे
बीत जाने के बाद लगा की कुछ पोस्ट नहीं किया है....मन में एक सेल्फी के लिए खटक बनी
हुई है........यार अब बहुत हो चुकी....चलो एक
सेल्फी स्टिक ले आते है.
आप किसी भी इंटरनेट यूजर
को उसके के आदी होने के अधिकार से बहार करने के अधिकारी नहीं हो सकते. कुछ समय पहले
तक अवाम की सोच यह थी कि - कोई अगर पानी में डूब रहा है तो लोग मोबाईल से उसका फोटो
खींचते थे,
थोड़े
समय बाद अब परिवर्तन आया तो लोग डूबने वाले की तरफ खड़े होकर अपनी सेल्फी खींचते है.
अब तो उसी रेस्तरां या
होटल में जायेंगे जहाँ वाईफ़ाई हो. अब तो उसी
ऐसी बस में सफ़र करेंगे जिसमे वाईफ़ाई हो. आज विडिओ कोच नहीं, वाईफ़ाई कोच की जरुरत
है तभी आपकी यात्रा मंगलमय होगी. हो सकता है आपके पिछली वाली सीट के साथ एक मजेदार
सेल्फी लेने का मौका मिल जाय, और आपका ग्रुप, ऐसी सेल्फी के लिए आपका
तलाश कर रहा हो. आज अपना हर पल सेल्फी में कैद करने को हर कोई लालाइत है।
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