अविस्मरणीय! ये हरिजन
(अछूत) जाती का यह व्यक्ति एक 'रामनामी समाज' जो 'राम संप्रदाय' से है । 1890 में स्थापित यह संप्रदाय छत्तीसगढ़ क्षेत्र
के धार्मिक जीवन में एक प्रमुख शक्ति बन गया है। टैटू उनकी राम भक्ति का परिचय है और
एक उपहार है और राम के प्रति एक प्रूफ है। अपने पूरे शरीर पर भगवान "राम"
के नाम का टैटू बनवा रखा है । वह के लोग इन्हे रामनामी महाराज के नाम से भी जानते है
।
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